
देहरादून निवासी से ₹28 लाख अधिक ठगे..
देहरादून/दिल्ली: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF)के अंतर्गत आने वाली देहरादून साइबर क्राइम पुलिस टीम ने एक ऐसे नाइजीरियन साइबर क्रिमिनल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है,जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों के पार्सल फ्रॉड के जाल में फंसा कर लोगों से अब तक करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है..

फर्जी अधिकारी बनकर अपराध का तरीका..
उत्तराखंड STF के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा पहले फेसबुक पर नकली प्रोफ़ाइल बनाकर स्वयं को एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कंपनी की सीनियर मैनेजर के रूप में प्रस्तुत कर देहरादून निवासी से संपर्क किया .फ़िर पीड़ित से मित्रता कर विश्वास हासिल कर अंतरराष्ट्रीय पार्सल भेजने का बहाना बनाया.इसके बाद पार्सल ट्रैकिंग वेबसाइट एवं नकली कस्टम एजेंटों के माध्यम से स्कैनिंग शुल्क, गोल्ड लाइसेंस, करेंसी कन्वर्ज़न, बीमा, जीएसटी, क्लीयरेंस आदि के नाम पर कई बार धनराशि की मांग की..इसके बाद,आरोपियों ने “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा” अधिकारी एवं पुलिसकर्मी बनकर पीड़ित को फर्जी केस में फंसाने व नाम हटाने और फाइल आगे बढ़ाने के बहाने से अतिरिक्त धनराशि जमा करवाई. इस पूरे अपराध में अनेक फर्जी मोबाइल नंबर, बैंक खाते, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और पार्सल ट्रैकिंग डोमेन का प्रयोग किया गया, जिसके माध्यम से पीड़ित से कुल ₹28,98,650/- वसूल कर ठगी को अंजाम दिया..
उत्तराखंड STF,एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि,गिरफ्तार नाइजीरियन साइबर क्रिमिनल ने प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि साईबर अपराध हेतु जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है,उसमें मात्र कुछ माह में ही करोडो रूपयों का लेन-देन होना प्रकाश में आया है..जाँच में यह भी पता चला कि अभियुक्तगण के विरुद्ध देश के कई राज्यों में साईबर अपराधों में FIR व अन्य शिकायतें दर्ज हैं.जिसके सम्बन्ध में जानकारी कर अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है..
SSP, एसटीएफ,नवनीत सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि एक प्रकरण देहरादून निवासी शिकायतकर्ता द्वारा माह जुलाई 2025 में शिकायत दर्ज कराया गया,जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा बताया कि फेसबुक पर एक महिला ने स्वयं को एम्स्टर्डम स्थित एक नामी फार्मा कंपनी की सीनियर मैनेजर बताते हुए मित्रता की.फिर विश्वास जीतकर उसने नकली पार्सल भेजने का बहाना बनाया और Flota Logistics के नाम पर कस्टम स्कैनिंग, गोल्ड लाइसेंस, करेंसी कन्वर्ज़न, जीएसटी, बीमा, क्लियरेंस, और अन्य शुल्कों के बहाने लगातार ऑनलाइन भुगतान करवाए . परन्तु स्वयं के साथ हो रही साइबर फ्रॉड का अंदेशा नहीं हो पाया,जिससे पीड़ित द्वारा विभिन्न बैंक खातों में कई किस्तों में ₹24,88,400 स्थानांतरित किए गए. इसके बाद कथित “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा” अधिकारियों और नकली पुलिसकर्मियों ने फर्जी केस निपटाने, नाम हटाने और फाइल आगे बढ़ाने के बहाने अतिरिक्त ₹4,10,250 अवैध रूप से प्राप्त किए.आरोपियों ने अनेक फर्जी मोबाइल नंबर, बैंक खाते और सरकारी पदनामों का दुरुपयोग करते हुए प्रलोभन एवं दबाव के माध्यम से पीड़ित को निशाना बनाकर संगठित साइबर धोखाधड़ी से कुल ₹28,98,650 की धोखाधड़ी की..उत्तराखण्ड एसटीएफ के साइबर क्राइम पुलिस ने साईबर धोखाधडी के 01 अभियुक्त Colinus Ugochukwu Nwaemuka s/o Nwaemuka (नाइजीरियन नागरिक) को दिल्ली से गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध बीएनएसएस के अन्तर्गत कार्यवाही की हैं..वही अभियुक्त से प्राप्त सभी जानकारियां I4C समन्वय पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी, जिससे All India criminal linkages का पता शीघ्र लगाया जा सकेगा.वही CEO, Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C), MHA, डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन में I4C द्वारा देशभर में साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं.इसी क्रम में, उत्तराखंड की साइबर कमांडो टीम ने यह पहला बड़ा मामला उजागर कर अपराधियों को गिरफ्तार किया..
1- गिरफ्तार अभियुक्त व्यक्ति का नाम व पता- Colinus Ugochukwu Nwaemuka s/o Nwaemuka R/O IMO state Nigeria
बरामदगी–
15 मोबाइल फोन (अपराध में प्रयुक्त)
05 बैंक ATM कार्ड (धोखाधड़ी में प्रयुक्त से संबंधित)
10 सिम कार्ड (फर्जी संदेश एवं लेन-देन हेतु प्रयुक्त)
02 पासपोर्ट
01 जियो का वाईफाई डोंगल
01 लैपटॉप
01 पैन कार्ड
एस0टी0एफ0/ए0एन0टी0एफ0/साइबर फ्राड संबधी खबरों/जानकारी के लिए INSTAGRAM ACCOUNT, fACEBOOK PAGE को FOLLOW-LIKE